शेयर मार्किट में शेयर ब्रोकर की पूरी जानकारी

अगर कुछ समय पहले की बात करें तो भारत में बहुत ही कम शेयर ब्रोकर हुआ करते थे, लेकिन जैसे-जैसे लोगो को शेयर मार्किट की जानकारी बढ रही है और शेयर मार्किट में इन्वेस्टमेंट बढ़ रहा है, वैसे वैसे शेयर ब्रोकर भी बढ़ रहे है। इस पोस्ट में हम आपको शेयर ब्रोकर के बारे में पूरी जानकारी देंगे, जिसमे सबसे पहले हम स्टार्ट करते है की शेयर ब्रोकर क्या होता है – Share Broker in Hindi

शेयर ब्रोकर क्या होता है – Share Broker in Hindi

आज के समय में सब कुछ ऑनलाइन होता जा रहा है, इसी तरह से शेयर मार्किट भी ऑनलाइन हो गया है और अब शेयर में इन्वेस्मेंट भी ऑनलाइन होता है, जिसके लिए आपको ऑनलाइन ही शेयर ब्रोकर की मदद लेनी पड़ती है। लेकिन अगर आपको ऑफलाइन शेयर में इन्वेस्टमेंट करना है, या फिर आपका पुराना इन्वेस्टमेंट अभी भी ऑफलाइन है तो आपको अपने शेयर ब्रोकर के ऑफिस ही जाना होगा, जहाँ आपको मदद मिल सकती है।

ब्रोकर मीनिंग इन हिंदी- ब्रोकर का हिंदी में मतलब होता है दलाल, जो दो या अधिक लोगों के बीच में डील (Deal) करवाता है और अपने इस दलाली के काम के लिए वो कुछ कमीशन (Commission) लेता है, जिसे हम हिंदी में दलाली और अंग्रेजी में ब्रोकरेज (Brokerage) कहते है। दलाली की अमाउंट पार्टी और उनकी डील पर निर्भर करती है।

शेयर ब्रोकर मीनिंग इन हिंदी- शेयर ब्रोकर वो व्यक्ति या फिर कोई कंपनी होती है, जो दो लोगों के बीच में शेयर बिकवाने और खरीदवाने का काम करती है। इसके लिए वो भी कुछ फिक्स्ड कमीशन लेता है, जिसे हम शेयर ब्रोकरेज कहते है। इसमें दो लोग कोई भी हो सकते है, जैसे शेयर मार्किट और इन्वेस्टर, कोई भी दो इन्वेस्टर आदि। शेयर ब्रोकर को हम स्टॉक ब्रोकर भी कहते है।

अब शेयर ब्रोकर का मतलब जानने के बाद बात करते है शेयर ब्रोकर के बारे में अन्य जानकारी की।

सबसे पहला स्टॉक ब्रोकर कौन था – शेयर ब्रोकर का इतिहास

Share Broker in Hindi- रोम में सबसे पहला स्टॉकब्रोकिंग शुरू हुआ था, जहां दूसरी शताब्दी ईसा पूर्व में शेयरों की पहली अभिलिखित खरीदी और बिक्री हुई थी। रोम के पतन के बाद, फिर से पुनर्जागरण के बाद स्टॉकब्रोकिंग यथार्थवादी करियर नहीं बना, जब सरकारी बांड जेनोआ या वेनिस जैसे इतालवी शहर-राज्यों में कारोबार किये जाते थे। 16वीं और 17वीं सदी में नए स्टॉक एक्सचेंजों ने अपने दरवाजे खोले, जिसमें लंदन स्टॉक एक्सचेंज भी शामिल था, जिसे 1698 में कॉफी शॉप में खोला गया था। 1800 के दशक में, युनाइटेड स्टेट्स में, न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज ने न्यूयॉर्क शहर में बटनवुड ट्री के नीचे अपने दरवाजे खोले। 24 स्टॉक ब्रोकर्स ने बटनवुड समझौते पर हस्ताक्षर किए, जो उस बटनवुड ट्री के नीचे पांच प्रतिभूतियों का व्यापार करने के लिए सहमत थे। Source

शेयर ब्रोकर कैसे चुने

शेयर मार्किट चाहे ऑनलाइन हो या ऑफलाइन, किसी भी फॉर्मेट में शेयर को खरीदना व बेचना कोई बच्चो का खेल नहीं है। केवल एक डीमैट अकाउंट खुलवालेने से ही शेयर ट्रेडिंग नहीं होती, बल्कि इसके लिए आपको ये भी जरुरी है की आपके पास एक अच्छा शेयर ब्रोकर (Share Broker in Hindi) हो, जिसके लिए आपको इन पाँच बातों का ध्यान जरूर रखना चाहिए-

  • सबसे पहले ब्रोकर का चुनाव- डिस्काउंट ब्रोकर या फुल ब्रोकर 
  • फोन या ऑनलाइन कारोबार की सेवा 
  • ब्रोकिंग चार्जेज
  • ब्रोकरेज फर्म की गुडविल
  • ब्रोकरेज फर्म की अन्य जानकारी

सबसे पहले ब्रोकर का चुनाव- डिस्काउंट ब्रोकर या फुल ब्रोकर 

स्टॉक ब्रोकर दो तरह के होते है, जिसमे एक डिस्काउंट ब्रोकर होता है और दूसरा फूल सर्विस ब्रोकर। डिस्काउंट ब्रोकर केवल आपके शेयर को खरीदता व बेचता है जैसे- अपस्टॉक्स, जबकि फुल ब्रोकर आपको शेयर मार्किट की जानकारी देने के साथ साथ आपके शेयर को बेचता व खरीदता भी है। अब यह आपके ऊपर निर्भर है की आपको केवल शेयर खरीदने बेचने है या फिर शेयर मार्किट की हर रोज जानकारी भी अपने ब्रोकर से लेनी है।

फोन या ऑनलाइन कारोबार की सेवा 

शेयर ब्रोकर का चुनाव करने से पहले आपको ये भी कन्फर्म कर लेना चाहिए की क्या स्टॉक ब्रोकर आपको किसी परेशानी में कॉल करने की सुविधा (कस्टमर केयर) के साथ साथ क्या ऑनलाइन ट्रेडिंग भी करवाता है। इस सुविधा के लिए आप डिस्काउंट ब्रोकर अपस्टॉक्स को चुन सकते है, जो आपको अपनी कस्टमर केयर की सुविधा के साथ साथ ऑनलाइन ट्रेडिंग की सुविधा भी देता है।

शेयर ब्रोकर कमीशन – ब्रोकिंग चार्जेज

वैसे तो शेयर ब्रोकर्स का अपना अपना ब्रोकरेज चार्जेज फिक्स्ड ही होता है और सेबी के नियमों के अनुसार होता है, लेकिन फिर भी कुछ ब्रोकर अपने हिडन चार्जेज, शेयर खरीदते और बेचते समय लगा देते है, जिसका आपको जरूर ध्यान रखना चाहिए।

ब्रोकरेज फर्म की गुडविल

अपना स्टॉक ब्रोकर चुनने से पहले आपको ये भी ध्यान रखना चाहिए की स्टॉक ब्रोकर की मार्किट में कितनी साख है, वो कितना पुराना है, कितने लोग उसके साथ जुड़ चुके है। कहने का मतलब ये है की ऐसा न हो आप तो शेयर ब्रोकर चुन ले और कुछ समय बाद वो आपके पैसे लेके भाग जाये। इसके लिए आप कोई भी नया स्टॉक ब्रोकर नहीं चुने और पुराण वही चुने, जिसके ऊपर आपको विश्वास हो।

अन्य जानकारी

इन सबके अलावा आप ये भी जान ले की क्या कोई अन्य सुविधा भी आपका स्टॉक ब्रोकर (Share Broker in Hindi) आपको देगा। जैसे कुछ ब्रोकर शेयर ट्रेडिंग के अलावा आपको कुछ अन्य सुविधा भी प्रदान करते है, जैसे डिजिटल गोल्ड खरीदना, म्यूच्यूअल फंड या कोई अन्य फैसिलिटी।

बेस्ट शेयर ब्रोकर

List of Best Share Broker in Hindi- आज के समय में शेयर ट्रेडिंग ऑनलाइन बहुत ज्यादा होने लगी है, जिसके साथ साथ इन्वेस्टर भी शेयर मार्किट में बढ़ रहे है, जिसके साथ ही नए नए शेयर ब्रोकर मार्किट में आ रहे है। पहले के मुकाबले आज के समय में शेयर ब्रोकर्स की संख्या बहुत ज्यादा हो गयी है, जिसमे आपके लिए मुश्किल हो जाता है शेयर ब्रोकर को चुनना। इसके लिए हम आपको शेयर ब्रोकर लिस्ट दिखा रहे है, जो बेस्ट स्टॉक ब्रोकर की लिस्ट में शामिल हैं।

  • शेयरखान 
  • आईसीआईसीआई डायरेक्ट 
  • एचडीएफसी सिक्योरिटीज 
  • इंडिया इन्फोलाइन- आइआइएफल
  • मोतीलाल ओसवाल
  • ज़ेरोधा
  • अप्सटॉक्स
  • एंजेल ब्रोकिंग 
  • कोटक सिक्योरिटीज

डिस्क्लेमर- शेयर मार्किट में निवेश जोखिमों के अधीन है, किसी भी शेयर या आईपीओ या कही भी निवेश करने से पहले उसकी पूरी जानकारी अपने स्तर पर जरूर ले लें या फिर अपने फाइनेंसियल एडवाइजर से परामर्श जरूर कर लें। हम आपको किसी भी तरह के शेयर में इन्वेस्ट करने की सलाह नहीं देते है। अगर ऊपर दी गयी जानकारी के कारण किसी को कोई हानि, नुकसान या फिर किसी भी प्रकार की क्षति होती है तो हमारे लेखक व वेबसाइट की कोई जिमेदारी नहीं है। धन्यवाद्

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